बुधवार, 2 मार्च 2011

हे शिव ! समाधि से जागो

हे शिव ! आपके निवास हिमालय के दक्षिण मेँ समुद्र पर्यन्त फैला हुआ विशाल भू भाग , जिसे कुछ हठीले , ग्रामीण मानसिकता वाले और पिछड़े हुए लोग आज भी भारतवर्ष की प्राचीन संज्ञा से ही पुकारना पसंद करते हैँ और जिसे सभ्य , पढ़े - लिखे , विकसित और आधुनिक कहे जाने वाले लोग इण्डिया कहते हैँ , की दशा अत्यन्त चिन्ताजनक हो गई है । एक ओर घोटालेबाजोँ और भ्रष्टाचारियोँ के गठबन्धन वाली सरकार को चलाने के लिए मजबूर प्रधानमंत्री राष्ट्रहितोँ की अनदेखी कर कुर्सी का मोह त्यागने मेँ असमर्थ है तो दूसरी ओर एक लंगोटीधारी सत्ताधीशोँ को चौतरफा चुनौती देकर राजनैतिक परिवर्तन के लिए मिस्र जैसी क्रान्ति का एलान कर रहा है । आम जनता भ्रष्टाचार और कमरतोड़ महँगाई के बीच बुरी तरह पिसी जा रही है और सत्ता मेँ बैठे लोग हर वो उपाय करते जा रहे हैँ जो महँगाई को और अधिक बढ़ाने मेँ सहायक हैँ । विश्वकप क्रिकेट के झुनझुने से देशवासियोँ का मन बहलाने का उपक्रम जारी है ताकि जनता का ध्यान असल समस्याओँ से भटकता रहे । लेकिन इतिहास गवाह है कि राजनैतिक परिवर्तनोँ की आँधी कभी राष्ट्रोँ की सीमाओँ मेँ बँधकर नहीँ रहती । इसी बदलाव के चलते लगभग सारी दुनिया पर राज्य करने वाली अँग्रेजोँ की गोरी हुकूमत बीसवीँ सदी के मध्य तक अपने देश मेँ ही सिमट कर रह गई । यूरोप के पोलेण्ड मेँ मजदूर नेता लेक वालेँसा के नेतृत्व मेँ चली साम्यवाद विरोधी लहर ने दुनिया से इस अव्यावहारिक विचारधारा को कालबाह्य कर दिया था । अब परिवर्तन की ऐसी ही एक बयार प्राचीन सभ्यता वाले देश मिस्र से प्रारम्भ होकर अन्य देशोँ को प्रभावित करने लगी है जिसके आरम्भिक संकेत बाबा रामदेव ने भारत मेँ भी देना शुरू कर दिया है । यह लँगोटीधारी नंगा आगे क्या करेगा और किस सीमा तक जाएगा यह तो भविष्य के गर्भ मेँ छुपा है लेकिन इस बाबा को जैसा अपार जन समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है उसने सत्ताधारियोँ के कान जरूर खड़े कर दिए हैँ और यह उनके लिए एक आसन्न खतरा दिखाई दे रहा है । इस खतरे से निबटने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से दिग्विजयसिँह नामक मिसाइल तैनात की गई है जो बाबा पर नित नए हमले कर रही है । पर यह नंगा आदमी बहुत खतरनाक लग रहा है । वैसे भी नंगे से तो खुदा भी डरता है । भारत के इतिहास मेँ ऐसे अनेक नंगे लोग हुए हैँ जिन्होँने सत्ताधारियोँ को धूल चटाई है । चाणक्य नाम के अधनंगे काले ब्राह्मण ने चन्द्रगुप्त के माध्यम से अत्याचारी नन्द वंश का सर्वनाश कर दिया था । समर्थ स्वामी रामदास जी महाराज नाम के एक दूसरे नंगे ने छत्रपति शिवाजी के माध्यम से मुगलोँ को परास्त कर हिन्दू साम्राज्य की स्थापना मेँ अपनी केन्द्रीय भूमिका अदा की थी । महात्मा गाँधी नाम के तीसरे नंगे ने अँग्रेजी साम्राज्य की चूलेँ हिलाकर भारत की स्वतंत्रता मेँ अपना अभूतपूर्व योगदान किया था । अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बाबा रामदेव नामक यह चौथा नंगा क्या गुल खिलाता है ? लेकिन हे सदाशिव ! हे भोलेनाथ !! हे आशुतोष शंकर !!! अपनी चिर समाधि को तनिक त्यागकर इस देश की दशा को निहारो जिसे हम सब भारतवासी आपकी प्रिय कर्मभूमि के रूप मेँ पूजते हैँ और हो सके तो अपना तीसरा नेत्र भी अगर खोलो नहीँ तो कम से कम झपका ही दो । आपकी जय हो ! जय हो !! जय हो !!! महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आपके श्री चरणोँ मेँ मेरा इतना ही विनम्र निवेदन है ।
मेरे ब्लॉग के समस्त सुधी अनुसरणकर्ताओँ , शुभ चिन्तकोँ और मित्रोँ को इस महा पर्व की हार्दिक बधाई एवं अनेकानेक शुभ - कामनाएँ । अस्तु ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी