मंगलवार, 3 मई 2011
ओसामा बिन लादेन
अपने देश के दुश्मन के साथ कैसा सुलूक किया जाता है यह कोई अमेरिका से सीखे । ओसामा बिन लादेन को उसके अभेद्य किले मेँ घुसकर मार गिराने की कार्रवाई प्रशंसनीय है । इसके विपरीत हमारे देश के दुश्मन तो हमारे ही कब्जे मेँ हैँ और अदालत ने उन्हेँ मौत की सजा भी सुना दी है फिर भी हमारी सरकार उन्हेँ फाँसी पर लटकाने से परहेज कर रही है । इतना ही नहीँ तो मेहमानोँ की तरह उनकी खातिरदारी की जा रही है और उनकी सुरक्षा पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ोँ रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है । दलीय हितोँ को राष्ट्र हित से ऊपर रखने वाली काँग्रेस नीत केन्द्रीय सरकार का यह नीचतापूर्ण कृत्य राष्ट्रद्रोह ही है । अपने दुश्मन नं. 1 को 40 मिनिट के सफल अभियान मेँ जिन्दा पकड़ लेने के बावजूद मौत के घाट उतार दिया । इस देश के निर्लज्ज नेतृत्व से ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति की आशा करना अपने आप को धोखा देने जैसा है । भगवान से प्रार्थना करेँ कि वह हमारे नेताओँ को सद्बुद्धि दे ।
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