गुरुवार, 5 मई 2011

दिग्विजय सिँह का डी.एन.ए. टेस्ट करवाया जाए

काँग्रेस नेता दिग्विजय सिँह जिस निम्न स्तर पर उतरकर आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहकर महिमामण्डित करने की कोशिश कर रहे हैँ वह न केवल शर्मनाक और निन्दनीय है अपितु राष्ट्रद्रोह भी है । अपने देश और अपनी पार्टी के सम्मान की जरा भी परवाह न करते हुए वे आतंकवादी हमलोँ मेँ मारे गए हजारोँ बेगुनाह देशवासियोँ और देशभक्तोँ के जख्मोँ पर नमक छिड़कने का ही काम कर रहे हैँ । मुसलमानोँ को लुभाने के लिए नीचे गिरकर नित नई बयानबाजी करने के कारण दिग्विजय सिँह के बारे मेँ यह सन्देह पुख्ता होने लगा है कि वे हिन्दू की औलाद भी हैँ या नहीँ । इसके लिए उनका डी.एन.ए. टेस्ट कराया जाना चाहिए ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी

मंगलवार, 3 मई 2011

दिग्विजय सिँह और ओसामा बिन लादेन

काँग्रेस नेता दिग्विजय सिँह ने आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन की लाश को समुद्र मेँ दफनाने की अमेरिकी कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताते हुए इसकी घोर निन्दा की है । इस मामले मेँ भारतीयोँ को दिग्विजय सिँह से ऐसी ही टुच्ची टिप्पणी की उम्मीद थी । दिग्विजय सिँह के इस बयान से अमेरिका मेँ जरूर खलबली मच गई होगी । इससे घबराकर अब अमेरिकी सरकार ओसामा की लाश को समुद्र से निकालकर ससम्मान दिग्विजय सिँह को सौँप देगी और दिग्विजय सिँह उसे दिल्ली मेँ राजघाट के आसपास एक बड़े आहाते मेँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफन करवाकर एक भव्य मजार का निर्माण करवाएँगे और फिर वहाँ प्रतिवर्ष उर्स का आयोजन किया जाएगा जिसमेँ दुनिया भर के मशहूर कव्वाल मर्सिया कलाम पेश करेँगे और उसकी सदारत स्वयं दिग्विजय सिँह करेँगे । धन्य हैँ दिग्विजय सिँह और उनकी मानसिकता ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी

ओसामा बिन लादेन

अपने देश के दुश्मन के साथ कैसा सुलूक किया जाता है यह कोई अमेरिका से सीखे । ओसामा बिन लादेन को उसके अभेद्य किले मेँ घुसकर मार गिराने की कार्रवाई प्रशंसनीय है । इसके विपरीत हमारे देश के दुश्मन तो हमारे ही कब्जे मेँ हैँ और अदालत ने उन्हेँ मौत की सजा भी सुना दी है फिर भी हमारी सरकार उन्हेँ फाँसी पर लटकाने से परहेज कर रही है । इतना ही नहीँ तो मेहमानोँ की तरह उनकी खातिरदारी की जा रही है और उनकी सुरक्षा पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ोँ रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है । दलीय हितोँ को राष्ट्र हित से ऊपर रखने वाली काँग्रेस नीत केन्द्रीय सरकार का यह नीचतापूर्ण कृत्य राष्ट्रद्रोह ही है । अपने दुश्मन नं. 1 को 40 मिनिट के सफल अभियान मेँ जिन्दा पकड़ लेने के बावजूद मौत के घाट उतार दिया । इस देश के निर्लज्ज नेतृत्व से ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति की आशा करना अपने आप को धोखा देने जैसा है । भगवान से प्रार्थना करेँ कि वह हमारे नेताओँ को सद्बुद्धि दे ।