गुरुवार, 4 नवंबर 2010

ज्योति पर्व मंगलमय हो

खिल गई मन के उपवन की नन्ही कली ।
जगमगाने लगी हर सड़क हर गली ।
थे प्रतीक्षा मेँ पलकेँ बिछाए हुए ,
आ गई ले के उल्लास दीपावली ।
समस्त पाठकोँ , शुभचिन्तकोँ , मित्रोँ , परिजनोँ , पुरजनोँ और देशवासियोँ को सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक शुभ - कामनाएँ । हम सभी के जीवन मेँ यह पर्व सुख , समृद्धि , ऐश्वर्य , प्रकाश और उल्लास लेकर आए , परमात्मा से यही मंगल - कामना है ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी