मंगलवार, 3 मई 2011

दिग्विजय सिँह और ओसामा बिन लादेन

काँग्रेस नेता दिग्विजय सिँह ने आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन की लाश को समुद्र मेँ दफनाने की अमेरिकी कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताते हुए इसकी घोर निन्दा की है । इस मामले मेँ भारतीयोँ को दिग्विजय सिँह से ऐसी ही टुच्ची टिप्पणी की उम्मीद थी । दिग्विजय सिँह के इस बयान से अमेरिका मेँ जरूर खलबली मच गई होगी । इससे घबराकर अब अमेरिकी सरकार ओसामा की लाश को समुद्र से निकालकर ससम्मान दिग्विजय सिँह को सौँप देगी और दिग्विजय सिँह उसे दिल्ली मेँ राजघाट के आसपास एक बड़े आहाते मेँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफन करवाकर एक भव्य मजार का निर्माण करवाएँगे और फिर वहाँ प्रतिवर्ष उर्स का आयोजन किया जाएगा जिसमेँ दुनिया भर के मशहूर कव्वाल मर्सिया कलाम पेश करेँगे और उसकी सदारत स्वयं दिग्विजय सिँह करेँगे । धन्य हैँ दिग्विजय सिँह और उनकी मानसिकता ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी

2 टिप्‍पणियां:

अनुनाद सिंह ने कहा…

डिग्गी ने यह टिप्पणी भारतीय मुसलमानों की तुष्टीकरण के लिये किया है। उनकी सोच है कि भारतीय मुसलमान ओसामा के भक्त हैं और ओसामा के साथ सहानुभूति दिखाने से वे आंखा मूंदकर डिग्गी और कांग्रेस को वोट देंगे। इस प्रकार डिग्गी ने भारतीय मुसलमानों के देश-प्रेम पर बहुत बड़ा प्रश्न चिह्न लगा दिया है!

सुधाँशु चौरसिया आर्य SUDHANSHU CHOURASIA ARYA ने कहा…

"इस दिग्विजय को देखा तो ऐसा लगा
जैसे जयचंद की औलाद
जैसे गोबर की खाद
जैसे नाली मैं पड़ा हो अण्डा सड़ा
जैसे मस्जिद के बाहर हो सूकर खड़ा
जैसे कसाब का वकील
जैसे कोंग्रेस के ताबूत की हो आख़िरी कील"