बुधवार, 2 नवंबर 2011

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी

कोई कुछ भी कहे पर भारतीय राजनीति मेँ डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का जवाब नहीँ । हाल ही मेँ उन्होँने मनमोहन सिँह को हटाकर राहुल गाँधी को प्रधान मंत्री पद पर देखने की सोनिया गाँधी की नीयत के बारे मेँ जो बयान दिया है मुझे उसमेँ सच्चाई का आभास हो रहा है । कोई आश्चर्य नहीँ यदि निकट भविष्य मेँ हम स्वामी के बयान की सच्चाई से रूबरू हो जाएँ । दरअसल हालात कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैँ या फिर यूँ कहेँ कि जानबूझकर बनाए जा रहे हैँ ताकि सारा ठीकरा मनमोहन सिँह के सिर फोड़कर उन्हेँ हटाने और राहुल की ताजपोशी करने का एक उचित कारण देश की जनता को बताया जा सके । महँगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीँ रह गया है . घोटालोँ और भ्रष्टाचार से सरकार और काँग्रेस का मुँह काला हो चुका है और ऊपर से बाबा रामदेव और अण्णा हजारे के आन्दोलनोँ ने आग मेँ घी का काम किया है । ऐसे मेँ चाटुकारोँ से घिरा काँग्रेस नेतृत्व युवा चेहरे के नाम पर राहुल के लिए रास्ता साफ करने का षड़यंत्र रचे तो यह काँग्रेस के लिए संजीवनी सिद्ध होने की संभावना है । पर स्वामी के अनुसार यह देश का दुर्भाग्य ही होगा । अगले आम चुनाव मेँ काँग्रेस का सूपड़ा साफ होने की पूरी संभावना तथा सोनिया गाँधी की रहस्यमयी बीमारी को देखते हुए अभी ही राहुल को प्रधान मंत्री बनवाने की लालसा भी इस परिवर्तन की एक बड़ी वजह हो सकती है । और फिर लगे हाथ युवा चेहरे के सहारे अगले चुनाव मेँ काँग्रेस अपनी लाज बचाने की कोशिश भी तो करना चाहेगी । जो भी हो यदि ऐसा हुआ तो सचमुच यह इस देश का दुर्भाग्य और काँग्रेस का दीवालियापन ही साबित होने वाला है ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी

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