बुधवार, 1 सितंबर 2010

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कई बार मन मेँ यह विचार आता है कि देश मेँ आज जैसी स्थिति है उसे देखते हुए तो भगवान को अवतार ले लेना चाहिए । इतनी विकट परिस्थितियोँ के बाद भी यदि भगवान अवतरित नहीँ हो रहे हैँ तो फिर कब होँगे ? फिर दूसरा विचार आता है कि जिन परिस्थितियोँ मेँ परमात्मा ने अवतार लिया था वे शायद आज से भी बदतर रही होँगी । इसका एक अर्थ यह भी हो सकता है कि यदि हम भगवान का अवतार चाहते हैँ तो देश मेँ अत्याचार , अनाचार , दुराचार , भ्रष्टाचार और अन्याय को और अधिक बढ़ाना होगा । मुझे यह भी लगता है कि सत्ता मेँ बैठे और सत्ता प्राप्ति की प्रतीक्षा सत्ता से बाहर बैठे हमारे अधिकांश नेता भगवान के शीघ्र ही अवतार लेने की हरसंभव कोशिश मेँ लगे हुए हैँ । उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्दी ही उन सब की कोशिशेँ रंग लाएँगी और इस धराधाम पर उनके प्रयत्नोँ से हम सभी भारतवासियोँ को भगवान के दर्शनोँ का दुर्लभ अवसर प्राप्त होने वाला है ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर समस्त देश वासियोँ , पाठकोँ , इष्ट मित्रोँ और शुभ - चिन्तकोँ को हार्दिक बधाई और शुभ - कामनाएँ ।
* रमेश दीक्षित , टिमरनी ( म.प्र. )

1 टिप्पणी:

समयचक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
जय श्रीकृष्ण