रविवार, 18 सितंबर 2011

कल शनिवार की शाम मेरे लिए तब यादगार बन गई जब देश के ख्यातिनाम कवि और साहित्यकार डॉ. हीरालाल बाछोतिया अकस्मात ही मेरे घर पधारे । मैँ आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता से भर गया । टिमरनी उनका गृहनगर है लेकिन अब उनका यहाँ आना बहुत कम हो पाता है । वे गोवा से दिल्ली लौटते हुए अपनोँ से मिलने और अपने बचपन की यादोँ को ताज़ा करने के लिए टिमरनी उतर पड़े थे । खूब चर्चाएँ हुईँ । एक लम्बे समय के बाद उनका टिमरनी आना हुआ था । चर्चा के दौरान उन्होँने बताया कि वे गोवा मेँ हिन्दी दिवस के कार्यक्रम मेँ मुख्य वक्ता के रूप मेँ आमंत्रित थे । पुरानी बातेँ निकलीँ तो फिर शायद ही कुछ छूटा हो । राधाबाई की नदी , राधास्वामी हाईस्कूल , प्राचार्य माथुर साहब , हिन्दी के तब के शिक्षक पी.एन. मिश्र , कवि नर्मदा प्रसाद त्रिपाठी , केदार शुक्ल , मदनलाल अग्रवाल , डॉ. हनुमन्तराव मुजुमदार , किशोरीलाल वर्मा , गंग कवि , कन्हैयालाल गर्ग , गयाप्रसाद मास्टर , जगन्नाथ दीवानजी और पन्नालाल उस्ताद वगैरह सभी की बातेँ यादोँ की बारात बनकर निकलती रहीँ । संयोग से कल रात ही स्थानीय बैँक ऑफ महाराष्ट्र के शाखा प्रबंधक श्री गोविन्द शर्मा के निवास पर कविवर प्रयास जोशी के काव्य संग्रह " रंगोँ के आसपास " पर चर्चा का एक कार्यक्रम भी था । बाछोतिया जी को मैँने इस कार्यक्रम मेँ चलने का आग्रह किया और वे सहज ही तैयार हो गए । इस आयोजन मेँ उनके आग्रह पर मैँने प्रयास जोशी के इस काव्य संग्रह मेँ से कुछ चुनिन्दा कविताओँ का वाचन भी किया । इस अवसर पर टिमरनी के वरिष्ठ कवि श्री हरगोविन्द शर्मा , श्री गोविन्द शर्मा , राजेन्द्र वाराह , मुकेश शाण्डिल्य ' चिराग ' और मैँने भी रचनाएँ सुनाईँ । और अन्त मेँ हम सबने जी भरकर बाछोतिया जी से उनकी कविताएँ सुनीँ । इस कार्यक्रम के सूत्रधार भाई मनीष सोनकिया ने यद्यपि अपनी रचनाएँ नहीँ सुनाईँ तथापि उनका योगदान सराहनीय था । हरदा मेँ भी कविवर माणिक वर्मा के निवास पर एक काव्य गोष्ठी कल ही रखी गई थी जिसमेँ टिमरनी के कुछ कवि मित्र भी गए थे जिससे वे लोग यहाँ के आनन्द से वंचित रह गए । कुल मिलाकर कल का दिन अविस्मरणीय आनन्द से ओतप्रोत रहा ।
- रमेश दीक्षित , टिमरनी

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