मंगलवार, 8 सितंबर 2009

जाली नोट

इन दिनोँ नकली नोटोँ के बाजार मेँ प्रचलन की मीडिया मेँ बड़ी चर्चा हो रही है । वक्तव्य दिए जा रहे हैँ , लेख लिखे जा रहे , स्यापा किया जा रहा है कि पड़ौसी देश हमारी अर्थ व्यवस्था को हानि पहुँचाने की कोशिश कर रहा है । दाऊद इब्राहिम जाली नोटोँ की फैक्ट्री चला रहा है । नकली नोटोँ की खेप नेपाल और बँगलादेश के रास्ते भारत भेज रहा है । वाह क्या बात है ! कितनी जिम्मेदारी भरी बातेँ करने वाली है हमारी सरकार ! जब सब कुछ आपको मालूम है तब किस बात की प्रतीक्षा की जा रही है ? ये सटीक निशाने पर मार करने वाली तमाम मिसाइलेँ क्या सिर्फ 26 जनवरी की परेड की शोभा बढ़ाने के लिए बनाई गई हैँ । आए दिन किसी न किसी नई मिसाइल के चाँदीपुर से सफल परीक्षण का दावा किया जाता है । जंगल मेँ मोर नाचा किसने देखा ? किसी दिन किसी मिसाइल को उसके वास्तविक निशाने पर भी तो छोड़कर देखिए । अगर निशाना अचूक हुआ तो देश की जनता और दुनिया भी देख लेगी । इससे दुनिया मेँ भारत की साख और दबदबा क़ायम हो जाएगा । वर्षोँ से हमारी सरकार पाकिस्तान को दस्तावेजी सबूत दे रही है कि दाऊद इब्राहिम कराँची मेँ बैठकर भारत विरोधी गतिविधियाँ चला रहा है । मगर आपकी सुनता कौन है ? आपकी औक़ात उसके आगे गलियोँ दुम हिलाते घूमने वाले आवारा कुत्ते से अधिक और कुछ नहीँ है । लगता है हम भी अपनी ऐसी ही औक़ात से संतुष्ट और प्रसन्न हैँ । यदि केवल एक मिसाइल दाऊद के घर को निशाना बनाकर छोड़ दी जाए तो फिर कोई सबूत देने की जरूरत नहीँ पड़ेगी । लेकिन जो सरकार सीधे सीधे पाकिस्तान का नाम लेने की जगह उसे ' एक पड़ौसी देश ' कहती हो उस सरकार से आप यदि मिसाइल दाग़ने की उम्मीद करेँ तो यह उसकी अन्तर्राष्ट्रीय छबि के खिलाफ़ होगा । यही कारण है कि देश के अन्दर भी अब कई लोगोँ ने नकली नोटोँ की छोटी मोटी फैक्ट्रियाँ डाल ली हैँ । हमारी टिमरनी मेँ भी कुछ वर्ष पूर्व ऐसी ही एक छोटी फैक्ट्री डाली गई थी लेकिन कुशल संचालन के अभाव मेँ उस फैक्ट्री ने शुरुआत मेँ ही दम तोड़ दिया । कहा जा रहा है कि हमारी मुद्रा का फार्मूला शायद चुरा लिया गया है । क्या कहा जाए ऐसे रिज़र्व बैँक के बारे मेँ । अब तो कई जगह ए टी एम से भी जाली नोट निकलने की खबरेँ आ रही हैँ । कौन कहेगा कि इस देश को कोई जिम्मेदार सरकार चला रही है ? कहीँ किसी दिन यदि आप ऐसी ख़बर या विज्ञापन पढ़ेँ तो आश्चर्य मत करना कि भारत देश को चलाने के लिए देशी और विदेशी ठेकेदारोँ से मुहरबन्द निविदाएँ आमंत्रित की जाती हैँ । धन्य है कि फिर भी सारे जहाँ अच्छा हिन्दुस्तान हमारा है । अस्तु ।

2 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

बहुत ही सटीक और सामायिक पोस्ट. लोगो को सजग रहना चाहिए.

संगीता पुरी ने कहा…

महंगाई के बढने का एक कारण नकली नोट भी है .. इतने दिनों से लगातार समस्‍या बनी हुई है .. सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही !!